NEW EDUCATION POLICY

नई राष्ट्रीय एजुकेशन नीति का मुख्य उद्देश्य भारत को वैश्विक स्तर पर शैक्षिक रूप से महाशक्ति बनाना तथा भारत में शिक्षा का सार्वभौमीकरण कर शिक्षा की गुणवत्ता को उच्च करना है।                                                                                                                 नई शिक्षा नीति क्या है ..?
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत 2030 तक शैक्षिक प्रणाली को निश्चित किया गया है और वर्तमान में चल रही 10 + 2 के मॉडल के स्थान पर पाठ्यक्रम में 5 + 3 + 3 + 4 की शैक्षिक प्रणाली के आधार पर पाठ्यक्रम को विभाजित किया जाएगा। नई शिक्षा नीति 2020 के लिए केंद्र तथा राज्य सरकार के निवेश का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है जिसमें केंद्र तथा राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र सहयोग के लिए देश की 6% जीडीपी के बराबर शिक्षा क्षेत्र में निवेश करेगी                                                                                                                     

नई शिक्षा नीति के उद्देश्य

नई शिक्षा नीति का उद्देश्य शैक्षिक क्षेत्र में भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाना है और भारत के लिए नई शैक्षिक नीतियां के माध्यम से संपूर्ण भारत में शिक्षा का उचित स्तर प्रदान करना है जिससे शैक्षिक क्षेत्र की गुणवत्ता उच्च हो सके। भारत में बच्चों को तकनीकी तथा रचनात्मकता के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता का महत्व से अवगत कराना नई शिक्षा नीति का उद्देश्य है जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके।                                             

न्यू एजुकेशन पालिसी 2020 के लाभ

  • नई शिक्षा नीति के माध्यम से शैक्षिक क्षेत्र में तकनीकी को बढ़ावा दिया जा रहा है।
  • नई शिक्षा नीति के माध्यम से शैक्षिक पाठ्यक्रम में भाषाओं को लेकर कई विकल्प रखे गए हैं। यदि शैक्षिक पाठ्यक्रम में कोई छात्र अपनी क्षेत्रीय भाषा अथवा मातृभाषा को पढ़ना चाहता है तो वह आसानी से उन्हें पड़ सकता है । वही इस शैक्षिक पाठ्यक्रम में भारतीय प्राचीन भाषाओं को पढ़ने का भी विकल्प छात्रों के समक्ष रखा गया है।‌
  • नई शिक्षा नीति में 2025 तक प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा तीन तक के सभी छात्रों के लिए संख्यात्मक ज्ञान तथा साक्षरता को प्राप्त करने के लिए एक राष्ट्रीय मिशन की योजना तैयार की जाएगी।
  • नई शिक्षा नीति के माध्यम से शिक्षकों को समय-समय पर उनके कार्य प्रदर्शन के आधार पर पदोन्नति को भी रखा गया है।
  • नई शिक्षा नीति में 2030 तक अध्यापन के लिए b.ed की डिग्री को 4 वर्ष की न्यूनतम डिग्री योग्यता में सम्मिलित कर दिया गया है । यानी 2030 तक b.ed का कोर्स 4 साल का हो चुका है।
  • नई शिक्षा नीति के भीतर हायर एजुकेशन से संबंधित एमफिल की डिग्री को भी खत्म किया जा रहा है।
  • राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद वर्ष 2022 तक शिक्षकों के लिए व्यवसायिक मानक को विकसित करेगी तथा एनसीईआरटी के परामर्श पर अध्यापकों की शिक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षिक पाठ्यक्रम की चर्चा की विषय वस्तु को भी तैयार किया जाएगा।‌
  • नई शिक्षा नीति में शैक्षिक पाठ्यक्रम के साथ-साथ उनके कौशल पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा वही मेन सिलेबस में भी एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज को शामिल किया जा रहा है।
  • छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम करने के लिए हर संभव कोशिश नई शिक्षा नीति में की गई है । जिसमें पढ़ाई को आसान बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल शैक्षिक पाठ्यक्रम में किया जाएगा।‌
  • छात्रों पर बोर्ड परीक्षाओं का बोझ कम करने के लिए बोर्ड परीक्षाओं की रूपरेखा को भी बदला जाएगा जिसमें 1 साल में दो बार छात्रों की परीक्षाएं की जाएंगी।
  • महाविद्यालयों की स्वायत्ता 15 वर्षों में समाप्त हो जाएगी तथा क्रमिक सहायता प्रदान करने के लिए एक चरणबद्ध प्रणाली की स्थापना भी की जाएगी।
  • देश के बड़े संस्थान जैसे आईआईटी और आईआईएम के लिए वैश्विक स्तर पर मानकों हेतु बहु विषयक शिक्षा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय की स्थापना भी नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कराई जाएगी।
  • वहीं कानूनी तथा चिकित्सा क्षेत्र को छोड़कर उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक कल निकाय के रूप में भारतीय उच्च शिक्षा आयोग का गठन किया जाएगा।
  • शैक्षिक पाठ्यक्रम का मूल्यांकन करने तथा उसे तकनीकी माध्यम से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच की एक स्वायत्त निकाय की स्थापना की जाएगी जिससेशिक्षा तथा प्रशासनिक क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से विचारों का आदान प्रदान संभव हो सके।

नेशनल एजुकेशन पालिसी 2020 के चरण

नई शिक्षा नीति के चरणों को 4 चरणों में विभाजित किया गया है। पुरानी शिक्षा नीति के 10+2 के फार्मूले को समाप्त करने के बाद सरकार नई शिक्षा नीति को 5+3+3+4 के फार्मूले में लागू करने जा रही है। इस नए फार्मूले के नए पैटर्न में 3 साल की फ्री स्कूली शिक्षा को तथा 12 साल की स्कूली शिक्षा सम्मिलित की गई है। इस फार्मूले को सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों को फॉलो करना अनिवार्य किया गया है।‌ आइए जानते हैं नई शिक्षा नीति के नए फार्मूले के चार चरणों को 

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